बच्चों की उदासी पर, खुद आँसु बहाए वो हमारी माँ कहलाए... बच्चों की उदासी पर, खुद आँसु बहाए वो हमारी माँ कहलाए...
मेरी ज़िम्मेदारियाँ मुझे मरने नहीं देंगी...! मेरी ज़िम्मेदारियाँ मुझे मरने नहीं देंगी...!
~~ सर्दी कुछ कह जाती है ~~ ~~ सर्दी कुछ कह जाती है ~~
मरते-मरते देश को, जिंदा मगर कर जाएँगे...! मरते-मरते देश को, जिंदा मगर कर जाएँगे...!
कि कैसे जिम्मेदारी, एक साफ माथे पर, चिंताओं की लकीरें खींच जाती है। कि कैसे जिम्मेदारी, एक साफ माथे पर, चिंताओं की लकीरें खींच जाती है।
भाई और बहन के अनमोल रिश्ते के बारे में एक कविता...। भाई और बहन के अनमोल रिश्ते के बारे में एक कविता...।